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श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में मेरठ के अहिंसा प्रिय जैन समाज ने ज़बरज़स्त विरोध किया ।.

श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में मेरठ के अहिंसा प्रिय जैन समाज ने ज़बरज़स्त विरोध किया ।. श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध, सड़कों पर क्यों उतरा जैन समाज : सम्मेद शिखरजी जैन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थल है। यहां से जैनों के 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष गए हैं। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध हो रहा है। देशभर में जैन समाज के लोग केंद्र की नरेंद्र मोदी और झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के विरोध में सड़कों पर उतरे हैं।उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बिहार, समेत अन्य राज्यों में कई शहरों और कस्बों में जैनों ने बंद बुलाया और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। आइए जानते हैं कि आखिर सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने पर जैन समाज आक्रोषित क्यों है। दरअसल, झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय ने 2 अगस्त 2019 को आदेश जारी किया था। इसमें सम्मेद शिखर सिद्ध क्षेत्र को पर्यटन स्थल बनाने की घोषणा की गई। जैन समाज ने इस अधिसूचना का विरोध किया और समय-समय पर इसे वापस लेने की मांग की गई। जब यह आदेश आया तक झारखंड और केंद्र, दोनों जगह बीजेपी की सरकार थी। 2019 के अंत में राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार सत्ता में आई। जैन समाज के लोगों ने शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने का फैसला वापस लेने की कई बार मांग उठाई। मगर अभी तक न केंद्र और न ही झारखंड सरकार की ओर से इस ओर कोई कदम उठाया गया है। सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने पर विवाद क्यों?क्यों जैन समाज के लोगों ने बुधवार को देशभर में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सौं अगस्त 2019 का आदेश वापस लेने की मांग की। लोगों का कहना है कि सम्मेद शिखरजी जैन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थल है। यहां से जैनों के 24 में से 20 तीर्थंकर मोक्ष गए हैं। हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। अब सरकार इसे पर्यटन स्थल घोषित करके पिकनिक स्पॉट में बदलने जा रही है। जैनों का पवित्र तीर्थ क्षेत्र मौज-मस्ती का अड्डा बन जाएगा। जैन धर्म का सबसे पवित्र स्थल है सम्मेद शिखरजी सम्मेद शिखरजी सिद्ध क्षेत्र झारखंड के गिरडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ियों में स्थित है। मान्यता है कि यहां से भगवान पार्श्वनाथ समेत जैन धर्म के 20 तीर्थंकर एवं करोड़ों साधु निर्वाण (मोक्ष) गए थे। यहां की पहाड़ियों का नाम पारसनाथ भी भगवान पार्श्वनाथ के नाम पर ही पड़ा। लाखों की संख्या में लोग यहां हर साल यात्रा के लिए आते हैं। पहाड़ों पर स्थित इस तीर्थ स्थल पर कई टोक बने हुए हैं, जहां विभिन्न तीर्थंकरों के चरण मौजूद हैं। शिखरजी की कुल 27 किलोमीटर की यात्रा पैदल पूरी की जाती है। जैन अनुयायी इसे तीर्थराज यानी तीर्थों का राजा कहते हैं। मान्यता है कि जिन्दगी में एक बार इस जगह की यात्रा जरूर करनी चाहिए। मेरठ जैन समाज के अध्यक्ष श्री सुरेश जैन “ऋतुराज” जी,श्री सुरेंद्र जैन जी माला फ्लोर मिल्ल,श्री अनिल कुमार जैन जी धर्मा ज्वैलर्स,श्री मुकेश जैन जी अजन्ता ग्रुप,श्री सौरभ जैन सुमन राष्ट्रीय कवि,अनामिका जैन अंबर राष्ट्रीय कवित्रि ,श्री अजय जैन जी श्यामा ज्वैलर्स,इत्यादि के नेतृत्व में यह श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में मेरठ के अहिंसा प्रिय जैन समाज ने ज़बरज़स्त विरोध किया ।

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