Suraj Kund Park,Meerut
सूरज कुण्ड पार्क,मेरठ शुद्ध वातावरण, तपस्थली,वैदिक ऋचाओं की स्वर लहरियों से तरंगित वायु-मंडल,जंगली जड़ी बूटियों,सूर्य की किरणों एवं जल के स्रोत का प्रभाव था कि इस कुंड के जल से चर्म रोग,कुष्ठ रोग इत्यादि भी ठीक होते थे । सूर्य कुण्ड की एक विशेषता ये हैं की 22 जून को जब सूर्य दक्षिणायन होते हैं तो वह पहले तालाब के ठीक उत्तरपूर्वी (NE)कोने में दिखाई देते हैं और फिर धीरे धीरे दक्षिण की ओर दिखाई देने लगते हैं सूर्य की विशेष क्रपा दृष्टि के कारण ही इसका नाम सूरज कुण्ड विख्यात हुआ। लाल जवाहर मल (कोई सूरज मल बताते हैं)ने सन 1700 (कही 1714) में इस तालाब का विस्तार एवं जीर्णोद्धार कराया। सन 1865 में अंग्रेज़ों ने इसे नगर पालिका को सौंप दिया।
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