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BAWAN KUAN,WAH KA KUAN OR BAI KA KUAN,AMROHA,MORADABAD.

BAWAN KUAN,WAH KA KUAN OR BAI KA KUAN,AMROHA,MORADABAD. बावन कुआं, वाह-का-कुआं या बायं का कुआं,अमरोहा,मुरादाबाद . अमरोहा को कुओं का शहर भी कहा जाता था। वक्त के साथ इनके अस्तित्व मिटते चले गए। इसमें सबसे ज्यादा खास था बायं का कुआं, जिसे पृथ्वीराज चौहान की बहन अंबा देवी ने 12वीं शताब्दी में बनवाया था। अंबा देवी उस दौरान अमरोहा की जमींदार हुआ करतीं थीं। ऐतिहासिक धरोहर बायं का कुआं भी उचित रख-रखाव के अभाव में अपनी पहचान खोता जा रहा है। यह सीढ़ीदार कुआं अमरोहा में बिजनौर मार्ग पर गांव रज्जाकपुर में कताई मिल के पास उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है। स्थानीय स्तर पर इसे बायं का कुआं के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में कुएं और तालाब आदि की खोदाई कराना पुण्य का काम माना जाता था। लिहाजा प्रजा की भलाई के लिए अंबा देवी ने इस कुएं का निर्माण कराया था। कुआं कंकर और पत्थर से बना है। कुएं की गहराई करीब 30 फीट जबकि इसका व्यास लगभग 15 फीट है। कुएं की बनावट इस प्रकार है कि बारिश या बाहर का पानी अंदर नहीं जा सकता। कुएं में पानी के निचले स्तर तक जाने के लिए 30 सीढिय़ां बनी हुईं हैं। इनके दोनों ओर तीन द्वार के दो बरामदे हैं। इनके आगे के भाग में एक-एक खुले द्वार हैं। अब से 30-40 साल पहले तक इसमें पानी हुआ करता था, लेकिन अब नहीं है। गजेटियर मुरादाबाद के अनुसार इसे वाह-का-कुआं या बावन कुआं भी कहते हैं।

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