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SHOROM CHAUPAL, SHOROM, SHAHPUR, MUZZAFARNAGAR

शोरम चौपाल,शाहपुर,मुज़्ज़ाफ़रनगर . कई अहम फैसलों की साक्षी हैं “शोरम की चौपाल “ सैकड़ों वर्षो का इतिहास समेटे हैं यह मुगलकालीन विरासत शाहपुर क्षेत्र के गांव शोरम खुद में मुगलकाल से ही अमिट पहचान समेटे है। यहां की चौपाल अपने आप में इतिहास है। सैकड़ों वर्ष पहले बिखरी हुई खापों को एक मंच पर लाकर सर्वखाप का गठन हुआ और शोरम को मिली सर्वखाप मंत्री की जिम्मेदारी। बालियान चौधरियों की सर्वखाप पंचायत हवेली के नाम से भी जाना जाता हैं शोरम की चौपाल को : इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में बालियान चौधरियों द्वारा गांव शोरम में करवाया गया था. यहीं पर 1761 में मराठा सरदार द्वारा तृतीय पानीपत के युद्ध में सहायता करने के लिए सदाशिवराव भाऊ ने पत्र लिखें थे. रघुवंशी बालियानों में प्रथम विख्यात योद्धा राव विजयराव जी बालियान थे जिन्होंने 8वीं शताब्दी में सिसौली को बसाया व शासन किया, बाबा ढलैत ,बाबा भूरा सिहं जी, बाबा काली सिंह जी इत्यादि व किसानों के मसीहा चौधरी महेंद्र सिहं टिकैत जी, रघुवंशी बालियानों को टिकैत की उपाधि 7वीं शताब्दी में बैंस जाट शासक महाराजा हर्षवर्धन का अपने खून से राजतिलक करने के बाद बालियानों को टिकैत उपाधि मिली. इस समय बालियान खाप प्रमुख चौधरी नरेश सिंहजी टिकैत है जो 84 गांव खाप प्रमुख है. ऐतिहासिक दस्तावेजों में तफ्शील से जिक्र है कि सन 1528 में बाबर बादशाह और 1857 में बहादुरशाह जफर शोरम आए। बाबर यहां की पंचायत व्यवस्था से खुश होकर इज्जत का एक रुपया देने के साथ ही ताउम्र पगड़ी के 125 रुपये देने की घोषणा कर गए थे। 989 हिजरी में बादशाह अकबर, 1030 हिजरी में जहांगीर तथा 1106 हिजरी में शहंशाह बहादुरशाह के शाही फरमान सर्वखाप मंत्री को मिले। इसका पूरा ब्योरा आज भी सर्वखाप मंत्री के पास मौजूद है। स्वतंत्रता संग्राम में मिलाया सुर शोरम की चौपाल ने स्वतंत्रता संग्राम में भी सुर से सुर मिलाया। ऐतिहासिक चौपाल पर बिजरौल, शामली, भोकरहेड़ी सहित दर्जनों गांवों के क्रांतिकारियों की पंचायत के बाद अंग्रेजी हुकूमत घबरा गई थी। यह पंचायत स्वतंत्रता संग्राम तेज करने में अहम साबित हुई। सन 1305 में शोरम में एक विशाल सर्वखाप पंचायत हुई थी जिसमें सभी खापों के ४५००० प्रमुखों ने भाग लिया था तथा राव राम राणा को सर्वखाप पंचायत का महामंत्री नियुक्त किया गया था तथा गाँव शोरम को वजीर खाप का पद प्रदान किया था. इसी पंचायत में ८४ गांवों की बालियान खाप को प्रमुख खाप के रूप में स्वीकार किया गया था । वर्ष 1950, 56 व 57 के बाद वर्ष 2006 में यहां दो दिवसीय सर्वखाप पंचायत हुई। बालियान खाप के मुखिया चौ.महेन्द्र सिंह टिकैत के संयोजन में कई सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया था। शोरम में हुई पंचायतें महत्वपूर्ण और विवादास्पद फैसलों के लिए चर्चित रही हैं। यहां की सरजमीं पर हुई पंचायत में कई अहम फैसले लिए गए, जिनकी गूंज देश-विदेश तक गूंजी। शोरम की सर्वखाप पंचायत में हिंदु मैरिज एक्ट व विशेष विवाह अधिनियम में संशोधन कर सहगोत्र विवाह पर प्रतिबंध लगाते हुए पंजीकरण नहीं करने, मृत्युभोज के आयोजन को सूक्ष्म व मिठाई रहित करने, नशा उन्मूलन के लिए कठोर कदम उठाने, विवाह समारोह में अतिथियों की संख्या कम कर फिजूलखर्ची रोकने, कन्या भ्रूण हत्या के विरोध प्रस्ताव आदि पर मुहर लगाई गई। Shoron Chaupal Shoron, Uttar Pradesh 251318



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