रटौल आम फलो का राजा, रटौल,बागपत.
रटौल आम फलो का राजा, रटौल,बागपत.
रटौल आम,फलो के राजा आम की एक छोटी, पीली किस्म है जो अपनी मिठास और रेशेदारता के लिए जानी जाती है। इसे कभी-कभी 'मिनी पावरहाउस' भी कहा जाता है। इसकी खेती भारत के उत्तर प्रदेश के रटौल गाँव के पास की जाती है जो की मेरठ से केवल 60 किलोमीटर दूर हैं । यह कम फाइबर के साथ स्वाद में बहुत मीठा होता है अनवर रटौल की खेती सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के रटौल गांव के पास की गई थी जो की मेरठ से केवल 60 किलोमीटर दूर हैं । रटौल आम सबसे पहले अनवारुल हक के बाग मुबारक बाग मैं पैदा हुआ और रटौल आम के नाम से मशहूर हुआ, देश के विभाजन के बाद अनवरुल हक के बड़े बेटे अबरारुल हक पाकिस्तान चले गए और अपने साथ मैं रटौल आम की पौध भी लेकर गए पाकिस्तान में उन्होंने रटौल आम का नाम अपने पिता के नाम पर अनवर रटौल रखा जो अब अनवर रटौल के नाम से पूरी दुनिया मैं निर्यात होता है। इस आम के दो रूप हैं: शुरुआती मौसम की किस्म नाजुक होती है और जलवायु तत्वों के लिए प्रवण होती है। तेज हवा और भारी बारिश से अधिकांश फसल नष्ट हो जाती है, लेकिन यह दो किस्मों में सबसे लोकप्रिय और मीठी भी है। इसका बढ़ता मौसम बहुत छोटा है - मई और जून में बस कुछ ही सप्ताह। देर से आने वाली किस्म अधिक स्थिर, मोटी त्वचा वाली और कम मीठी होती है। यह जुलाई और अगस्त में बढ़ता है। विडंबना यह है कि आम की यह किस्म पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक द्वारा इंदिरा गांधी को उपहार में दी गई थी, हालांकि इसकी उत्पत्ति भारत में उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुई हैं। पाकिस्तान ने अनवर रटौल आम के सम्मान में एक डाक टिकट भी निकला हैं। 1935 में लंदन में आमों का फेस्टिवल हुआ था. इंडिया की तरफ से नवाब अहमद सईद खान जो की छतारी के नवाब थे वह गये थे. क्योंकि नवाब छतारी ब्रिटिश राज में मुख्य कृषि मंत्री थे और उनकी ननिहाल बागपत के नवाब साहब के यहाँ थी उन्हें बखूबी रटौल आम की ख़ासियत का अंदाज़ा था अतः वह रटौल आम लेकर लंदन गए और वहाँ पर रटौल आम को फर्स्ट प्राइज मिला और दुनिया का सबसे अच्छा आम माना गया ।