JAYANTI MATA TEMPLE,KULDEVI OF PANDAVS AT HASTINAPUR,MEERUT.
JAYANTI MATA TEMPLE,KULDEVI OF PANDAVS AT HASTINAPUR,MEERUT.
जयंती माता पांडवों की कुलदेवी थीं और भगवान कृष्ण के कहने पर पांडवों ने जयंती माता की स्तुति की थी। मां जयंती ने पांडवों की आराधना से प्रसन्न होकर इसी स्थान पर उन्हें दिव्य अस्त्र-शस्त्र भी प्रदान किए थे। जिसका प्रयोग उन्होंने महाभारत युद्ध में किया और वे विजयी हुए।जिस प्रकार मां वैष्णो देवी मंदिर शक्तिपीठ हैं ठीक उसी प्रकार जयंती माता मंदिर बहुत प्राचीन और शक्तिपीठ है। मां सती के शरीर के अंग व आभूषण जिन-जिन स्थानों पर गिरे वहीं शक्तिपीठ कहलाए। बताते हैं कि हस्तिनापुर के इस स्थान पर माता सती का जंघा वाला भाग गिरा और जयंती माता शक्तिपीठ के रूप में विख्यात हुईं। हस्तिनापुर में महाभारतकालीन मंदिरों में जयंती माता शक्तिपीठ मंदिर भी स्वयं में अद्भुत है। मंदिर में पांडवों की कुलदेवी मां जयंती पिंडी रूप में विराजमान हैं। मां की मूर्ति का प्रतिदिन होता श्रृंगार श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करने पर मजबूर करता है। बताया गया कि पौराणिक समय में जब गंगा नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाते हुए हस्तिनापुर में तबाही की थी, उस समय हस्तिनापुर का साम्राज्य नष्ट हो गया था। तभी से महाभारत के महल, मंदिर, मठ इत्यादि जमीन में दबे हैं। इसके बाद माता के स्वरूप को पिंडी रूप में पुर्नस्थापित किया गया। बताया जाता है कि माता राजा नैन सिंह के स्वप्न में आईं। उन्होंने माता की पिंडी निकालकर उनकी पुर्नस्थापना की। हमारे हस्तिनापुर,मेरठ में माता रानी का शक्तिपीठ माता जयंती के रूप में विराजमान हैं जिसकी जानकारी शायद कुछ ही लोगों को हैं । जिस प्रकार मां वैष्णो देवी मंदिर शक्तिपीठ हैं ठीक उसी प्रकार माँ जयंती का यह मंदिर भी एक शक्तिपीठ हैं। हम मेरठ वसीयो को गर्व होना चाहिए इस शक्तिपीठ के लिए ।
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