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जी पी ब्लॉक, मोस्ट हॉन्टेड प्लेस,मेरठ.

जी पी ब्लॉक, मोस्ट हॉन्टेड प्लेस,मेरठ. मोस्ट हॉन्टेड प्लेस मेरठ के कैंट क्षेत्र स्थित यह बंगला मेरठ और आसपास के इलाके में भूतिया महल के नाम से मशहूर है। यूं तो यह बंगला किसा जमाने में शहर की शान हुआ करता था, लेकिन अब पुराना व जर्जर पड़ चुका यह बंगला लोगों के डर के पर्याय के अलावा कुछ नहीं है। शहर के जीपी ब्लॉक स्थित इस बंगले को लेकर लोगों में अलग—अलग कहानियां प्रचलित हैं। मोस्ट हॉंटेड प्लेस बन चुके मेरठ के इस भूतिया बंगले को देश के दस सबसे ज्यादा डरावनी जगहों में शुमार किया गया है। यहां तीन ऐसी बंगले हैं, जो कभी इलाके की शान हुआ करते थे. लेकिन आज ये आलीशान इमरतें जर्जर होकर लोगों को भयक्रांत करती हैं। इस बिल्डिंग की लोकेशन भी ऐसी है कि कोई भी वहां जाने से पहले सौ बार सोचे। चारों तरफ घना जंगल और बीच में तीन बंगले। इस बंगले के बारे में जितने मुंह उतनी बातेंं। लाल रंग के कपड़ों में महिला का साया कोई कहता है कि यहां लाल रंग की साड़ी पहने हुए एक औरत कभी बिल्डिंग के उपर तो कभी बिल्डिंग से बाहर आते हुए दिखाई देती है। हालांकि कि कई लोगों का तो दावा है कि उन्होंने खुद ऐसे साए को बिल्डिंग की छत पर टहलते देखा है। हालांकि कुछ लोग यहां मोमबत्ती की रोशनी में चार लड़कों को शराब पीते हुए देखे जाने की बात कहते हैं। 1930 में बना था बंगला ये इमारत 1930 की बनी हुई है. बताते हैं कि दशकों से इस बिल्डिंग में अकेले रुकने की हिम्मत किसी की नहीं हुई. दो बिल्डिंग में कोई नहीं रहता है, लेकिन एक बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे में छह लोग रहते हैं जिन्हें आर्मी ने केयरटेकर के तौर पर रखा है। यहां रह रही एक महिला का कहना है कि उसने एक महिला को देखा है, जो लाल रंग की साड़ी पहने हुए हैं। महिला उस कथित भूत की बात बताते-बताते सहम जाती है. उसका कहना है कि यहां आने जाने की हिम्मत कोई नहीं करता है. जीपी ब्लॉक स्थित इस बंगले के बारे में वहां की चौकीदारी करने वाले श्रवण ने बताया कि उनके पिता परिवार के साथ वहां रहकर चौकीदारी करते थे। एक दिन पास ही स्थित कंपनी बाग चौराहे पर दारोगा डिसूजा की एक्सीडेंट में मौत हो गई। उसके कुछ दिन बाद से लोगों को एक आत्मा दिखने लगी। जिसके बारे में कहा गया कि यह दारोगा डिसूजा की आत्मा है। - श्रवण ने बताया कि उसके पिता सोहनलाल 1945 में यहां आकर बस गए थे। बाद में देश आजाद होने पर अंग्रेज परिवार इस बंगले को खाली कर चला गया। उनके जाने के बाद जो इस बंगले में रहने आया उसे इसमें किसी आत्मा के होने का डर बैठ गया। जिसके बाद यह बंगला खाली हो गया और अब यह भूत बंगले के नाम से जाना जाता है। - श्रवण भी अब इस बंगले से दूर अलग स्थान पर रह रहा है। इस बंगले की ओर अब कोई जाना पसंद नहीं करता। बंगले के आसपास घनी झाड़ियां उग आई हैं। कैंट एरिया में होने के कारण आम आदमी का जाना यहां वैसे भी प्रतिबंधित है। ब्रेड-मक्कखन, अंडे मांगती थी डिसूजा की आत्मा - लोगों का कहना है कि उस वक्त भटक रही डिसूजा की आत्मा लोगों से ब्रेड-मक्खन और अंडे की डिमांड करती थी। सुबह-सुबह अपने काम पर जाने वाले लोग डर से चौराहे पर ब्रेड मक्खन या अंडे रखकर जाते थे। लोग चौराहे पर सामान रखने के बाद मुड़कर पीछे की ओर नहीं देखते थे। बाद में यह सामान वहां से गायब मिलता था। हालांकि अब इस रास्ते कोई नहीं आता है।

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