श्री सिद्धबली धाम,हनुमान मंदिर,कोटद्वार.
श्री सिद्धबली धाम,हनुमान मंदिर,कोटद्वार.
श्री सिद्धबली धाम कोटद्वार में बाबा की चौखट से कोई भी श्रद्धालु निराश नहीं लौटता है। मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद यहां पूरी होती है। मनोकामना पूरी होते ही भक्त मंदिर में भंडारा कर हनुमान जी को भोग लगाते हैं। श्रद्धालुओं पर बजरंग बली की नेमत इस कदर बरसती है कि यहां भंडारा आयोजन के लिए भक्तों को सालों साल इंतजार करना पड़ता है।
कहते हैं कलयुग में हनुमान जी ही ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों पर सबसे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। सिद्धबली मंदिर भी हनुमान जी को समर्पित है।
श्री सिद्धबली धाम की ख्याति देश ही नहीं, बल्कि विदेशों तक है। श्री सिद्धबली धाम गुरु गोरखनाथ जी की तपस्या स्थली रही है। आदिकाल में मंदिर स्थल पर सिद्ध पिंडियां थीं। 80 के दशक में मंदिर में बाबा की मूर्ति स्थापित हुई। इसके बाद ही मंदिर का सुंदरीकरण हुआ। कहा जाता है कि हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए इसी रास्ते गए थे।
कहते हैं गुरु गोरखनाथ को इसी स्थान पर सिद्धि प्राप्त हुई थी, जिस कारण उन्हें सिद्धबाबा भी कहा जाता है।
पौराणिक अभिलेख बताते हैं कि यहां पर बजरंग बली ने रूप बदल कर गुरु गोरखनाथ का रास्ता रोक लिया था। दोनों में कई दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ। जब दोनों में से कोई पराजित नहीं हुआ तो हनुमान जी अपने रूप में आए और सिद्धबाबा से वरदान मांगने को कहा। सिद्धबाबा ने हनुमान जी से यहीं रहने की प्रार्थना की, जिसके बाद सिद्धबाबा और बजरंग बली के नाम पर इस स्थान का नाम ‘सिद्धबली’ पड़ा। यहां आज भी मान्यता है कि बजरंग बली अपने भक्तों की मदद करने को साक्षात रूप में यहां विराजमान रहते हैं।
भारतीय डाक विभाग की ओर से साल 2008 में श्री सिद्धबली हनुमान मंदिर को समर्पित डाक टिकट भी जारी किया गया है।
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